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Saturday, February 7, 2015

विकिलिक्स संस्थापक असाञ्जको निगरानीमा सबा अर्ब खर्च

विकिलिक्सका संस्थापक जुलिएन असाञ्ज
अमेरिका रक्षा मन्त्रालय र बिदेश मन्त्रालयको गोप्य पत्रको खुलासा गरेर विश्वलाई नै आश्चर्यजनक बनाउने विकिलिक्सका संस्थापक जुलिएन असाञ्ज सन २०१२ अगस्त देखी इक्वेडरको दुतावासमा शरण लिएर बसेका छन् । विश्वभरीका अमेरिकी दुतावासले संकलन गरेको सुचना र आन्तरिक अभिलेखलाई बाहिर ल्याए पछि उनी एकाएक चर्चित भए । लन्डनस्थित इक्वेडरको दुतावासमा २८ महिना देखी शरण लिएर बसेका असाञ्जलाई त्यहाँवाट ननिस्केसम्म पक्राउ गर्न बेलायती प्रहरीले सक्दैन र त कतिखेर असाञ्ज त्यहाँवाट निस्कन्छ र पक्राउ गरौ भनेर बेलायती प्रहरी उनको प्रतिक्षामा २४ अ‍ैं घन्टा दुतावास बाहिर बसिरहेका छन । यसरी २८ महिना देखी असाञ्जलाई ढुकेर बस्दा बेलायत सरकारले उनको नाऊमा मात्रै १ करोड पाउन्ड खर्च गरिसकेको छ । तर, असाञ्ज भने बाहिर निस्केका छैैनन । किनपनि भने, यदी उनी निस्के भने बेलायतले उनलाई स्विडेनमा सुपदर्गी गरिदिन्छ, जहाँ उनका बिरुद्ध दुई महिलालाई यौन दुब्र्यब्यवाहार गरेका आरोपमा उनलाई मोष्ट वान्टेड बनाइएको छ । बेलायतको एउटा अदालतले असाञ्जलाई स्विेडन पठाउन आदेश दिएको छ तर असाञ्जलाई चाँही यो डर छ कि स्विेडनले उनलाई अमेरिका सुपदर्गी गरिदिन्छ । जसका कारण उनी लन्डनस्थित इक्वेडरको दुतावासवाट निस्कन चाहदैनन । उनी नस्किएका कारण उनको प्रतिक्षामा बेलायत सरकारले सबा अर्ब बराबर नेपाली रुपैया खर्च गरिसकेको छ । बिबिसी हिन्दी अनलाइनका अनुसार एउटा ब्यक्तिलाई प्रतिक्षा गरेर पक्रन यति धेरै खर्च गरेको यो पहिलो पटक हो ।
इक्वाडोर दूतावास, 
जुन दुतावास बाहिर असाञ्जको प्रतिक्षामा बेलायती प्रहरी २४ घन्टा तैनाथ रहन्छ
ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज की चौबीसों घंटे निगरानी पर अब तक एक करोड़ पाउंड (क़रीब 94 करोड़ रुपए) ख़र्च कर चुकी है. असांज ने लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में राजनीतिक शरण ले रखी है. असांज पर स्वीडेन में दो महिलाओं पर यौन हमला करने के आरोप में मुक़दमा चल रहा है. असांज ने इन आरोपों से इनकार किया है. अगर असांज दूतावास से बाहर निकलते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है. विकीलीक्स प्रवक्ता क्रिस्टीन ने कहा है कि इराक़ युद्ध की अपनी जांच से ज़्यादा एक राजनीतिक शरणार्थी की निगरानी पर ब्रिटिश सरकार का इतना ख़र्च किया जाना 'शर्मनाक' है.
ख़र्च
ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा है कि असांज को स्वीडन जाकर क़ानून का सामना करना चाहिए. जून, 2012 से अक्तूबर, 2014 के बीच पुलिस की निगरानी पर 73 लाख पाउंड और ओवरटाइम पर 18 लाख पाउंड ख़र्च हुआ है. स्कॉटलैंड यार्ड ने 31 अक्तूबर, 2014 तक कुल 28 महीने में हुए ख़र्च की पुष्टि की है. पुलिस के अनुसार, यह ख़र्च कूटनीतिक सुरक्षा के मद से किया गया. ब्रिटेन स्थिति दूतावासों की सुरक्षा पर इसी मद से ख़र्च किया जाता है. ये सूचना एलबीसी रेडियो ने फ़्रीडम ऑफ़ इनफॉर्मेशन एक्ट के तहत प्राप्त की है. इसके अनुसार, असांज की निगरानी पर रोज़ाना 10 हज़ार पाउंड से ज़्यादा ख़र्च आ रहा है. पिछले साल अगस्त में असांज ने कहा था कि वो 'शीघ्र' ही दूतावास छोड़ देंगे. वो यहां 950 दिन बिता चुके हैं.
अदालत का फ़ैसला
स्वीडन की एक अदालत में पिछले नवंबर में असांज की गिरफ़्तारी के वारंट को बरक़रार रखा था. ब्रिटेन की अदालत ने भी अपने एक फ़ैसले में कहा था कि असांज को पूछताछ के लिए स्वीडन भेजा जाना चाहिए. असांज
बेला बेलामा असाञ्ज दुतावासको झयालवाट चिहाउछन 
को डर है कि स्वीडन जाने पर उन्हें अमरीका भेजा जा सकता है जहाँ उनपर विकीलीक्स के माध्यम से अति-गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के आरोप में मुकदमा चल रहा है. ब्रितानी सुप्रीम कोर्ट ने जब असांज के प्रत्यार्पण के ख़िलाफ़ अपील को ठुकरा दी तो उन्होंने अगस्त, 2012 में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले ली.
ब्रितानी पुलिस इक्वाडोर दूतावास की चौबीसो घंटे निगरानी करती है.

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