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Friday, August 1, 2014

'जयललिताको मोदीलाई प्रेम-पत्र': भारत–श्रीलंकामा हंगामा !!!

श्रीलकाली रक्षा मन्त्रालयको वेभसाइटमा पोष्ट भएको तस्बिर
भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी आइतवार नेपाल भ्रमणमा आउँदैछन । त्यसका बारेमा नेपाली मिडिया, सामाजिक सञ्जाल, नेपालको राजनीति मोदीमय भएको छ भने भारतीय मिडियाहरुमा पनि मोदी–नेपालका प्रसङ्गले प्रशष्त ठाउँ पाएको छ । तर, मोदी नेपाल आउनु अघि भारत र श्रीलंकामा भने मोदीलाई लिएर हंगमा भएको छ । श्रीलंकाको रक्षा मन्त्रालयको वेभसाइट (www.defence.lk) मा आएको मोदी-जयललिताको आपत्तिजनक तस्बिरले  तस्बिरले शुक्रवार दिनभर भारतीय र श्रीलकाली अधिकारीलाई निकै नै तनाव दियो । खासमा, श्रीलंकाको रक्षा मन्त्रालयको वेभसाइटमा तमिलनाडुकी मुख्यमन्त्री जयललिताले मोदीलाई प्रेमपत्र लेख्दै गरेको एउटा तस्विर प्रकाशित गरेको थियो । सो बिषयले गर्दा भारत र श्रीलंका बिच निकै तनाब उत्पन्न भयो र यतिखेर श्रीलकाली बेभसाइटले सो तस्बिर निकालेर मोदी र जयललितासहित भारत सरकारसँग माफी मागेको छ ।  के थियो त, खास घटना, भारतीय मिडियाले महत्वका साथ प्रकाशित गरेका समाचार तपाईका लागि पनिः 
मोदी-जयललिता की विवादित तस्वीर पर हंगामा
श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता की एक विवादित तस्वीर पर शुक्रवार को हंगामा हो गया। एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ चेन्नै में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के पुतले फूंके। विवाद के बाद वेबसाइट से इस तस्वीर और लेख को हटा दिया गया है। श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय ने इस पर मोदी और जयललिता से माफी मांगी है।
दरअसल श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय की बेवसाइट www.defence.lk पर 'जयललिता के प्रेम पत्र मोदी के लिए कितने सार्थक हैं?'लेख के साथ मोदी की यह विवादित तस्वीर लगाई गई थी। लेख भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों के विवाद पर था, लेकिन इसमें जयललिता पर जमकर निशाना साधा गया था।

लेख में जयललिता को सलाह दी गई थी कि वह अपने मछुआरों के लिए भारतीय सीमा में दूसरी जगह ढूंढें। साथ ही कहा गया था कि जल्‍द ही जयललिता को पता चल जाएगा कि मोदी उनके नखरों और धमकियों पर नाचने वाली कठपुतली नहीं हैं।
बीजेपी के सहयोगी दलों MDMK और PMK ने भी इस लेख पर गहरी आपत्ति जाहिर की है। पीएमके नेता एस. रामदॉस ने कहा कि यह लेख स्तरहीन था, जिससे न सिर्फ जयललिता बल्कि मोदी का भी अपमान हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि श्रीलंकाई सरकार ने इस मामले पर जल्द ऐक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस लेख को बेवसाइट से हटा दिया गया है। वहीं श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री ने हमारे सहयोगी चैनल 'टाइम्स नाउ' से बातचीत में कहा राजपक्षे खुद इस लेख के वेबसाइट में छपने से हैरान हैं।
यो लगत्तै बिबिसी हिन्दीको अनलाईनमा यो समाचार आयो ।
श्रीलकाली रक्षा मन्त्रालयको वेभसाइटमा पोष्ट भएको तस्बिर
श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफ़ी माँगी है और कहा है कि लेख और तस्वीर को आधिकारिक तौर पर मंज़ूर नहीं किया गया था.
इसको लेकर भारत में कड़ा विरोध हो रहा था और चेन्नई में इसके खिलाफ़ कई लोग सड़कों पर उतरे हैं. केंद्र में सत्ताधारी एनडीए सरकार की सहयोगी तमिल पार्टियाँ ने भी श्रीलंका से संबंध स्थगित करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत सरकार ने इस मामले में श्रीलंका सरकार से राजनयिक स्तर पर बातचीत की थी और श्रीलंका की सरकार ने इस आर्टिकल को हटा दिया है.
श्रीलंका के रक्षा और शहरी विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर एक लेख पोस्ट किया गया था जिसका शीर्षक था, ''नरेंद्र मोदी को लिखे जयललिता के प्रेम पत्र कितने सार्थक हैं.''
इस लेख के साथ ही एक कार्टून भी था जिसमें जयललिता को मोदी के बारे में सोचते हुए दिखाया गया है.
जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के राज्यसभा में नेता वी मैत्रयन ने संसद में इस बारे में अपना विरोध दर्ज कराते हुए श्रीलंका से इस बारे में बात करने की मांग की क्योंकि उनके अनुसार ये देश की संप्रभुता का मामला है.
शेनाली वाडुगे के ज़रिए लिखे लेख में श्रीलंका के ज़रिए भारतीय मछुआरों के नावों को ज़ब्त किए जाने पर जयललिता की प्रतिक्रिया का ज़िक्र है.
मोदी के सत्ता में आने के बाद से जयललिता ने तमिल मछुआरों के मुद्दों पर कई ख़त लिखे हैं.
वाडुगे के लेख का मुख्य मुद्दा ये है कि भारतीय मछुआरे अंतरराष्ट्रीय मैरीटाइम बॉर्डर लाइन का उल्लंघन करते हैं और इस मुद्दे पर जयललिता के रवैये के कारण मोदी सरकार के सकारात्मक क़दम का असर नहीं हो पा रहा है.
ख़ास बात ये है कि श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने इस लेख को अपने वेबसाइट पर पोस्ट तो किया है लेकिन साथ ही ये भी लिख दिया है कि वेबसाइट के संपादकीय पेज पर पोस्ट किए गए लेख लेखक की निजी राय है और मंत्रालय उसके लिए ज़िम्मेदार नहीं है.
लेकिन एनडीए की सहयोगी पार्टी एमडीएमक के नेता वायको ने इसकी आलोचना करते हुए कहा, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री को इस तरह से दिखाए जाने की मैं भर्त्सना करता हूं. मैं मांग करता हूं कि भारत सरकार तत्काल प्रभाव से श्रीलंका से अपने कूटनीतिक संबंध समाप्त करे.
एक और सहयोगी पीएमके के नेता एस रामदॉस ने कहा कि ये लेख प्रधानमंत्री मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री को अपमानित करता है और इसलिए भारत को श्रीलंका से राजनयिक संबंध समाप्त करने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाना चाहिए.
बिबिसी हिन्दीको अनलाईनका लागि यहाँ क्लिक गर्नुहोस 

 मोदीको तस्बिर नै राखेर श्रीलकाली रक्षा मन्त्रालयको बेभसाइटमा यसरी माफी मागिएको छ ।

An Unqualified Apology
An article titled 'How meaningful are Jayalalitha's love letters to Narendra Modi?' had appeared on our website along with a graphical portrayal of Hon. Prime Minister of India and Hon Chief Minister of Tamil Nadu.
The article which had been published without appropriate authorization and not reflecting any official position of the Government of Sri Lanka or Ministry of Defence and Urban Development has since been removed.
We extend an unqualified apology to the Hon Prime Minister of India and Hon Chief Minister of Tamil Nadu.


आजतकको अनलाइनमा चाँही यस्तो समाचार आएको थियो, फुर्सद भए मज्जाले पढे हुन्छ भनेर राखेको नि, त्यसका लागि यहाँ क्लिक गर्नुहोस ।

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