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Friday, March 20, 2015

बिहार,चीट चोराउने भीडको तस्बिरले विश्व तहल्का #लाजमर्दो

हिजो देखी भारत, बिहारमा जारी मैट्रिक परिक्षामा चीट चोराउने समुहको भीडका तस्बिरहरु सार्वजनिक भए पछि त्यो सामाजिक सञ्जालमा भाइरल नै बन्यो । त्यसले बिहारमा कुन शिक्षा नीति चलेको छ र त्यहाँको शिक्षाको अवस्था कस्तो छ ? भन्ने कुरा पनि देखाउने काम गरेको छ । भारतका मुलधारका मिडियामा समेत आएका ती तस्बिर पछि त्यहाँका मुख्य मन्त्री नितिशकुमारले भने त्यसको जवाफ दिएका छन् । मुख्यमन्त्रीको नाताले उनले भनेका छन, ‘सबै बिहारी बिद्यार्थीहरु कमजोर छैनन, यहाँ तेजाबी र उत्कृष्ट बिद्याथीहरु पनि छन् ।’ मलाई लाग्यो, उनका कुरा पनि बुझौ, एकोहोरो बिहार र बिहारीलाई गाली नगरौ किनकी त्यहाँ पनि गम्भिर अध्ययन गरी पढने बिद्यार्थीहरु पनि प्रशष्त छन्, तीनलाई सम्मान गर्न मुख्यमन्न्त्रीको कुरा बुझन जरुरी छ ।

चीट चोराउन झयाल झ्यालमा पुगेका अभिभावक र आफान्तहरु
बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में नकल की जो तसवीरें सामने आई हैं मैं उनके प्रत्येक पहलू के विरूद्ध हूँ | एक, इन तसवीरों में पूरे बिहार की कहानी नहीं है | बिहार के छात्र मेधावी हैं, और देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा से अपनी जगह बनाते रहे हैं | नक़ल की कुछ तस्वीरें बिहार की प्रतिभा पर हावी नहीं हो सकतीं |

दो, प्रशासन अपने स्तर पर सचेत है और गड़बड़ी की खबर मिलते ही सरकार ने इस प्रक्रिया से जुड़ी प्रत्येक एजेंसी से पूरी सतर्कता और जवाबदेही से काम करने को कहा है | अतः प्रशासन के काम की छवि महज़ इन तस्वीरों से नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया को सुचारू ढंग से क्रियान्वित करने के आधार पर आंकी जानी चाहिए |

तीन, और सबसे अहम् बात | मैं बिहार में नक़ल में सहयोग देने वाले अभिभावकों, संबंधियों और मित्रों से कहूँगा कि अपनी गलत सोच से आप छात्र का और बिहार का नुकसान कर रहे हैं | नक़ल से मिले इस सर्टिफिकेट का असल जीवन में उपयोग नहीं होगा और इस तरह से उत्तीर्ण छात्र का मनोबल सदैव के लिए कमज़ोर रहेगा | नक़ल के प्रयास सदैव के लिए छात्र को नक़ल पर निर्भर करने की मानसिकता से बोझिल कर देंगे | अतः मैं अपील करूंगा कि नक़ल करने कराने का हिस्सा न बनें | छात्र सर्टिफिकेट से नहीं काबलियत से आगे बढ़ते हैं और इसके लिए परिवार और समाज को प्रेरणा भी देनी होगी और सहयोग भी |
मैं अपने स्तर पर पूरी तरह तत्पर होकर काम कर रहा हूँ ताकि बिहार के भविष्य का निर्माण छात्रों और युवाओं की प्रतिभा, कौशल और परिश्रम के बल पर हो | इसके लिए मैं बिहार के सभी लोगों से सहयोग की अपील करता हूँ |
जय बिहार, जय भारत |

मुख्यमन्त्री नितिशकुमारले दुई घन्टा अघि आफनो फेसबुकमा लेखे पछि एकजना संजिबकुमार सिंहले लेखेका छन् ।
आज बिहार के मैट्रिक परीक्षा का समाचार देश के सारे न्यूज़ चैनल पर दिखाया जा रहा है।देखकर शर्मिंदगी महसूस हई। सुशाषण बाबू नितीश कुमार के राज मे क्या प्रशासनिक व्यवस्था है।वाह देख के मन खुश हो गया। लड़के ऐसे ईमारत पर चढ़ रहे हैं,की बन्दर भी ऐसे हरकत नहीं कर सकता। पुलिस की जेब भरी हुई है। एक जेब में नक़ल की पर्ची और एक में पैसा, शिक्षक शिक्षिका भी लगे हैं नक़ल कराने में। अभिभावक भी पूरी लगन के साथ मेहनत कर रहे हैं, जिला अधिकारी और बाकि सभी पदाधिकारी सभी ईमानदारी पूर्वक कानून व्यवस्था बनाये रखे हैं। क्योंकी कानून तभी बिगड़ेगा न जब रोकेंगे। इतना मेहनत सब लोग कर रहे हैं,पर TV वाले समझ ही नहीं रहे हैं।सब को बुरा लग रहा है, बिहार शर्म से झुक गया पर नकल का फ़ायदा कोई नहीं देखता। 10 मुख्य फ़ायदे ये है। 1.अगर सरकार कड़ाई करेगी तो इस साल चुनाव में चुनाव मे लालू और नितीश को बहुमत नही मिलेगा। 2.बिटिया पास कर लेगी तो शादी हो जाएगी,और सरकार से 10000 रूपये भी मिलेंगे। 3.होम गॉर्ड का तनख्वाह ही कितना है,बेचारे इसी काम के लिए साल भर इंतजार करते हैं। 4.शिक्षक-शिक्षिका सेंटर तय होते ही बुक हो जाते हैं और रकम पहुँच जाता है। 5.परीक्षा से पहले ही सुविधा शुल्क स्कूल ले लेता है। 6.अगर कड़ाई हो जायेगा तो कानून व्यवस्था सरकार से नहीं सम्भलेगी। 7.इसमें कई बड़े लोगों के भी बच्चे हैं।उनसे पंगा कौन लेगा? 8.लड़का नक़ल कर के पास नहीं करेगा तो अपने आप कब तक पास होगा। बेचारे की उम्र ही निकल जाएगी और पुलिस मिलिट्री में जाने की उम्र समाप्त हो जाएगी - देश का रक्षा कौन करेगा। 9.पास नहीं होगा तो लड़के के बाप को दहेज़ कौन देगा? 10.कुछ पहुँच वाले के बच्चे सिर्फ इसिदिन के इंतज़ार में है।पास होते ही नौकरी पक्की। सेटिंग पहले ही हो चुकी है। शुसाशन बाबू और लालू जी कहाँ गलत कर रहे हैं? बिहार का नाम ही न ख़राब होगा,जिल्लत उनको होगा जो बिहार के बाहर हैं। लोग उनसे इसके बारे में पूछेंगे। खैर लालू युग तो आहि गया है। नितीश-लालू को तो कुर्सी की पड़ी है। होने दो भविष्य खराब बच्चो का। गर्व से कहो जय बिहार। और ये 100% सच है की इसपर कोई राजनेता बयान नहीं देगा क्योंकी नेताजी को इस से आगामी चुनाव में हार जाने का डर होगा। वाह बिहार वाह। जय हो।और जहा तक मेधावियो की बात है तो इस सिस्टम के कारण उनकी भी मेधा को लोग नकल की पोटली ही समझते है।थोड़ा ध्यान दिजिए।संजीव कुमार सिंह छपरा बिहार।




अमेरिकावाट प्रकाशित वासिङटन पोष्टले पनि बिहारको चीट प्रकरणलाई उल्लेख गरेको छ ।

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